हमने धर्म ग्रंथों में यह कहानी अवश्य पढ़ी है कि कैसे पतिव्रता सावित्री ने मृत्यु के देवता यमराज से अपने पति सत्यवान की जान बचा ली थी। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां पत्नी ने अपने पति को मौत के मुंह से बचा लिया और समाज के सामने एक नई मिसाल कायम की।
यूपी के मैनपुरी की है यह घटना-: दरअसल यूपी के मैनपुरी के निवासी पुष्पेंद्र सिंह सेंगर और उनकी पत्नी प्रज्ञा हंसी खुशी अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे. अचानक पुष्पेंद्र के पेट में दर्द उठा तो उन्होंने कई अस्पतालों में भागदौड़ की और अपना चेकअप कराया लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक इलाज नहीं मिला। आखिर जब दर्द ज्यादा बढ़ गया उन्होंने दिल्ली के एक प्राइवेट हॉस्पिटल की शरण ली।
75% खराब हो गया था लीवर-: शहर के जब बड़े अस्पताल में उनके कई टेस्ट कराए गए तो पता चला कि पुष्पेंद्र का लीवर करीब 75 प्रतिशत खराब हो चुका था। वह 25% लिवर पर ही जीवित थे। डॉक्टर ने लिवर ट्रांसप्लांट इकलौता उपाय बताया।
पत्नी प्रज्ञा ने दान किया अपना लीवर-: इसके बाद पुष्पेंद्र सिंह सेंगर की पत्नी ने सूझबूझ का परिचय देते हुए अपना 75% लिवर डोनेट करके अपने पति को दिया। उनके लीवर के बदौलत पुष्पेंद्र सिंह को नई जिंदगी मिली। प्रज्ञा ने आगे बताया कि पति के इलाज में करीब पचास लाख़ रुपए खर्च हो गए लेकिन हमें इस बात का संतोष है कि उनकी जान बच गई।प्रज्ञा सिंह ने हम सभी के सामने एक मिसाल पेश की है।