राजस्थान के बाड़मेर जिला के सरकारी वाहन चालक मदन दास को रिटायरमेंट पर एक शानदार विदाई मिली। खुद उनके साहब यानी एडीएम गाड़ी चलाकर उन्हें उनके घर तक छोड़ने गए।
40 वर्ष की ड्राइवर की नौकरी-: मदन दास ने 40 वर्षों तक कलेक्ट्रेट में सरकारी ड्राइवर के रूप में अपनी सेवाएं दी।उन्हें फेयरवेल के तौर पर ऐसी शानदार विदाई मिली जो उनकी जीवन भर के लिए एक सुखद एहसास बन गया।उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि खुद उनके साहब एडीएम ओमप्रकाश विश्नोई फूलों से सजी गाड़ी चला कर खुद उन्हें घर तक छोड़ने जाएंगे।
नहीं थी ऐसी विदाई की उम्मीद-: मदन दास के अनुसार उन्हें ऐसी शानदार विदाई की कतई उम्मीद नहीं थी।ड्यूटी के आखिरी दिन जब वह कलेक्ट्रेट पर पहुंचे तो कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों ने बुके देकर उनका स्वागत किया।खुद एडीएम ने भी उनका स्वागत किया।पिछले 40 वर्षों से वह लगातार अपने साहब के लिए गेट का दरवाजा खोलते और उन्हें सम्मान पूर्वक बिठाते लेकिन आज खुद उनके अफसर ने उनके लिए दरवाजा खोला और उन्हें आदर पूर्वक गाड़ी में बिठाया।अपने साहब से इतना सम्मान मिलता देख मदन दास गदगद हो गए और उनकी आँखें भर आईं। उन्होंने कहा कि मैंने सपने में भी ऐसी शानदार विदाई के बारे में नहीं सोचा था।इस अनोखी विदाई की चर्चा पूरे बाड़मेर जिले में हो रही है।