दुनिया में मां को भगवान का रूप माना गया है. एक मां ही तो है जिसे अपने बच्चे की सबसे ज्यादा परवाह होती है, लेकिन तब क्या हो जब यही मां अपने बच्चे को खुद घर से बाहर निकाल दे. सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा होगा. लेकिन, यह कोई कहानी नहीं बल्कि सच्ची घटना है. दरअसल, एक मां ने अपने बच्चे को किन्नर होने की वजह से घर से बाहर निकाल दिया. आज उस बच्चे ने कुछ ऐसा कर दिया दिखाया है, जिससे किन्नर समाज ही नहीं बल्कि पूरे देश को उस पर गर्व है.
हैरी बना देश का पहला पहला ट्रांसजेंडर पायलट
बता दें जिस बच्चे को घर से निकाला गया उसका नाम एडम हैरी है. एडम हैरी देश का पहला ट्रांसजेंडर पायलट बना था जब हैरी के माता-पिता को पता चला कि उनका बच्चा ट्रांसजेंडर है तो उन्होंने उसे घर से निकाल दिया, जब हैरी को घर से निकाला गया था तब उसके पास पैसे भी नहीं थे. ऐसे में उसे फुटपाथ पर ही सोना पड़ता था जिंदगी में इतना संघर्ष होने के बावजूद उसने हार नहीं मानी और जीवन में आगे बढ़ने की ठान ली.
ऐसे किया पायलट बनने के सपना साकार
हालांकि हैरी बचपन से ही एक पायलट बनना चाहता था. उनसे अपने इस सपने को पूरा करने के लिए प्राइवेट पायलट लाइसेंस का एग्जाम दिया, जिसके बाद साल 2017 में जोहानसबर्ग में उसे इसका लाइसेंस भी मिल गया. हैरी ने यहां तक का समय पूरा करने के लिए एक छोटी सी जूस की दुकान लगाई. इसके बाद उसने अपनी पढ़ाई के लिए सोशल जस्टिस विभाग से मदद मांगी.
इसके बाद हैरी को एशियन अकैडमी ज्वाइन करने की सलाह दी गई. इस दौरान केरल सरकार ने उसकी मदद की. केरल सरकार ने उसे मदद के रूप में राज्य समाजिक न्याय डिपार्टमेंट की ओर से 22.34 लाख रुपए की स्कॉलरशिप दिलवाई, जिसके बाद उसके पायलट बनने के सपने को पंख लगे और वह कमर्शियल पायलट बन पाया