हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत ही शुभ और पवित्र माना गया हैं पितृपक्ष के समय में इंदिरा एकादशी का व्रत बहुत ही खास हैं पंचांग के मुताबिक आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी का व्रत किया जाता हैं और विधि विधान से पूजा करते हैं इस साल यह एकादशी 13 सितंबर दिन रविवार को पड़ रही हैं
इस व्रत के प्रभाव से जन्म मरण के चक्र से मुक्ति प्राप्त होती हैं यह पितरों को मोक्ष दिलाने वाली एकादशी मानी जाती हैं अपने पितरों के निमित्त इंदिरा एकादशी का व्रत करने से उनको बैकुण्ठ की प्राप्ति होती हैं तो आज हम आपको इस एकादशी का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
जानिए पूजा मुहूर्त—
इंदिरा एकादशी तिथि 12 सितंबर को दोपहर में 3: 43 बजे से शुरू हो रही हैं जो 13 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 46 मिनट तक रहेगी। ऐसे में इंदिरा एकादशी का व्रत 13 सितंबर दिन रविवार को रखा जाएगा। पूजा दोपहर से पूर्व संपन्न कर लेना अच्छा होगा।
जानिए पारण—
इंदिरा एकादशी व्रत का पारण अगले दिन सोमवार 14 सितंबर को सुबह 6 बजकर 9 मिनट से 8 बजकर 38 मिनट के बीच कर लेना उचित होगा।
इंदिरा एकादशी तिथि के दिन सुबह स्नान और दैनिक कार्यों से मुक्त होकर स्वच्छ वस्त्र पहनें। फिर भगवान श्री विष्णु के शालिग्राम रूप का ध्यान करके इंदिरा एकादशी का व्रत और पूजा का संकल्प लें। इसके बाद शुभ मुहूर्त में पूजा स्थल पर शालिग्राम या विष्णु जी की तस्वीर को स्थापित करें। अब गंगाजल, रोली, चंदन, अक्षत, धूप, दीपक, मिठाई आदि अर्पित कर पूजा करें।
विष्णु सहस्नना और विष्णु सतनाम स्त्रोत्र का पाठ भी करें। इसके बाद कथा सुनें। फिर भगवान विष्णु की आरती करें और अंत में अपने पितरों के यमलोक से मुक्ति और बैकुण्ठ में श्री विष्णु में स्थान देने के लिए विष्णु जी से प्रार्थना करें।
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